Ticker

6/recent/ticker-posts

Ad Code

शरद संगत : चांदनी से ब्रह्म बगीचा में स्वर-शृंगार - साहित्य, संगीत और सृजन का संगम बना ‘शरद संगत’




मंगलकामनाएं / धर्म, साहित्य और संस्कृति *Khabaron Me Bikaner*


*Khabaron Me Bikaner*
7 अक्टूबर 2025 मंगलवार

Khabaron Me Bikaner


✒️@Mohan Thanvi

शरद संगत : चांदनी से ब्रह्म बगीचा में स्वर-शृंगार - साहित्य, संगीत और सृजन का संगम बना ‘शरद संगत’

 

Khabaron Me Bikaner


शरद संगत : चांदनी से ब्रह्म बगीचा में स्वर-शृंगार - साहित्य, संगीत और सृजन का संगम बना ‘शरद संगत’

एक परंपरा, जो हर वर्ष कुछ नया कहती है
बीकानेर। साहित्य, संगीत और सृजन का संगम बना ‘शरद संगत’। दक्ष के तत्वावधान में तथा रोटरी रॉयल्स और अरज के सहयोग से शरद पूर्णिमा के अवसर पर ब्रह्म बगीचा परिसर में इस वार्षिक श्रृंखला की तीसरी कड़ी का आयोजन हुआ।
आयोजनकर्ता शशांक शेखर जोशी ने बताया कि शरद पूर्णिमा की अमृत रश्मियों के तले साहित्य, संगीत, ग़ज़ल और गीतों का आनंद लेने तथा शहर के साहित्यप्रेमियों और गणमान्यजनों के साथ सृजनात्मक संगत करने के उद्देश्य से इस आयोजन की शुरुआत तीन वर्ष पूर्व हुई थी। हर वर्ष की भांति इस बार भी परंपरागत दूध-जलेबी प्रसाद से अतिथियों का स्वागत किया गया। यह मान्यता है कि इस दिन आकाश से बरसता अमृत दूध में मिलकर जीवन को पुष्ट करता है।
गणपति वंदना से राजनारायण पुरोहित ने कार्यक्रम का शुभारंभ किया। 
कार्यक्रम में कला, कविता और संगीत का आयोजन रहा। समारोह में गीत-संगीत की यह अमृतमयी रात एक से बढ़कर एक प्रस्तुतियों से सजी रही। मनीषा आर्य सोनी के गीतों ने सभी को मंत्रमुग्ध किया। मोनिका गौड़ की लघु कविताओं और जुगल किशोर पुरोहित के गीतों ने दर्शकों की खूब दाद बटोरी। धीरज व्यास की राजस्थानी कविता ने समूचे वातावरण को लोकरस से भर दिया। विप्लव व्यास और आनंद मस्ताना के गीतों की सम्मोहक प्रस्तुति ने सभी को बांधे रखा। योगेश व्यास राजस्थानी ने इस बार हिंदी कविता प्रस्तुत कर नयी दिशा दी। कैलाश टाक की व्यंग्यात्मक कविता ने बारिश के बीच हँसी की लहर पैदा की। गौरीशंकर सोनी के शास्त्रीय सुरों ने पूर्णिमा की रात को और उजास दिया।
इस मौके पर राजाराम स्वर्णकार, ज्योतिप्रकाश रंगा, बीडी हर्ष, शकूर सिसोदिया, संजय आचार्य, रविशंकर आचार्य, किशोर सिंह राजपुरोहित और शशांक शेखर जोशी की रचनाओं ने श्रोताओं को देर रात तक बांधे रखा।
कार्यक्रम का संयोजन रविंद्र हर्ष ने किया और संचालन अपने चिर-परिचित अंदाज़ में ज्योतिप्रकाश रंगा ने किया। समापन अवसर पर वरिष्ठ कवि-कथाकार राजेंद्र जोशी ने अपनी कविता प्रस्तुत की और आयोजन समिति का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा बीकानेर की नई साहित्यिक पीढ़ी न केवल सक्षम है बल्कि गुणवत्तापूर्ण रचनाओं से साहित्य में नए मानदंड स्थापित करेगी।
इस अवसर पर बृजगोपाल जोशी, उमाशंकर आचार्य, सुनील चमड़िया, सुमित शर्मा, मनोज व्यास, चिराग रामपुरिया, दीपक रंगा, मधुसूदन सोनी, हरीश गोदारा, पिंकी बन्ना, आशुतोष आचार्य, अनुराग गौड़, कपिल डागा, योगेश गहलोत, अमन कुमार, हिमांशु चोरड़िया, नितेश गोयल, शशिशेखर जोशी, ऋषि आर्य, माधुरी शर्मा सहित बड़ी संख्या में शहर के साहित्यप्रेमी उपस्थित रहे।

Post a Comment

0 Comments