शुभ नवरात्रि नवरात्र उत्सव की मंगलकामनाएं / धर्म, साहित्य और संस्कृति *Khabaron Me Bikaner*
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29 सितम्बर 2025 सोमवार
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✒️@Mohan Thanvi
बीकानेर : तारा देवी ने 77 दिवसीय संलेखना संथारा कर गंगाशहर में रचा इतिहास - मुनि कमलकुमार
श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा, गंगाशहर
बीकानेर : तारा देवी ने 77 दिवसीय संलेखना संथारा कर गंगाशहर में रचा इतिहास - मुनि कमलकुमार
गंगाशहर 29 सितम्बर 2025 सोमवार । उग्रविहारी तपोमूर्ति मुनिश्री कमलकुमार जी ने प्रवचन के पश्चात संथारा साधिका तारादेवी की भव्य शोभायात्रा देखकर फरमाया तारादेवी बीकानेर निवासी माणकचन्दजी जतनदेवी आरी की सुपुत्री गंगाशहर निवासी रतनलाल जी केशर देवी बैद के सुपुत्र विजयकुमार की धर्मपत्नी ने दोनों परिवारों की शोभा बढ़ाकर प्रस्थान किया है। जीवन जीना एक कला है तो मृत्यु भी अपने आप में कला है। तारादेवी ने कलात्मक जीवन जीया पहले सासू ससुर की अंत समय तक सेवा की शासनश्री साध्वी सोमलताजी की अंत समय तक सेवा की अपने दायित्व का कुशलता से पालन किया। घर में सबसे छोटी बहू होने के कारण अपने जेठ जेठाणियों का परिवार का बहुत मान सम्मान किया इसी का सुपरिणाम है कि अंत समय में जो जेठाणी शरीर की अवस्था के कारण वर्षों से नहीं मिली वह सबसे बड़ी कमला देवी सपरिवार सदेह संथारे में कई बार मिलने पहुंची। कहावत है भले का भला होता है तारा देवी ने सबके साथ आत्मीय संबंध रखा इसलिये केवल आरी और बैद परिवार ही नहीं चोपड़ा परिवार भी लंबे समय तक संथारे में आराधना साधना में सहयोगी बना रहा। मुनिश्री ने विजयकुमार के साहस की प्रशंसा करते हुए फरमाया कि विजय ने लेबे समय तक प्रतिक्रमण स्वाध्याय का सहारा देकर उन्हें उत्तरोतर उत्तम पथ की और अग्रेसर करते रहा। वर्षा, चारू, अजय, विपिन दोनों परिवार सहित लगे रहे विनोद चोपड़ा, ललिता चोपडा, ललिता बोथरा, नेमचन्द चोपड़ा, ममोल चोपड़ा, सरिता चोपड़ा, जगत बैद, महेन्द्र बैद, विनोद बैद, सुधा बैद, वीणा बैद, कान्ता नाहटा, सुनीता कमल भंसाली, सुन्दर देवी, सुशील बैद पूरा आरी परिवार आदि के साथ गंगाशहर की गायक मंडली का निरन्तर सहयोग मिलती रहा भंवरजी डाकलिया धर्मन्द्र डाकलिया तोलाराम जी शामसुखा इन्द्र छाजेड़ मनोज छाजेड़ पवन छाजेड़ राजू बोथरा के साथ सबका सहयोग मिलने से ही लंबे समय तक संथारे में भक्ति संध्या का कार्यक्रम मनमोहक बना रहा। मुनिश्री कमल कुमार जी ने दोहो का संगान कर बैकुठी को मंगल पाठ सुनाया तारादेवी को अंतिम मंगलपाठ के समय मुनि श्रयांसकुमार जी मुनि बिमलविहारी जी मुनि प्रबोधकुमार जी मुनि नमिकुमार जी मुनि मुकेशकुमार जी सहित सब संतों का योग मिल गया।
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