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वरिष्ठ समाजसेवी गोपाल गहलोत ने सपत्नीक पूजा कर राज्य में खुशहाली और धन-धान्य की वर्षा की कामना की




शुभ नवरात्रि नवरात्र उत्सव की मंगलकामनाएं / धर्म, साहित्य और संस्कृति *Khabaron Me Bikaner*


*Khabaron Me Bikaner*
29 सितम्बर 2025 सोमवार

Khabaron Me Bikaner


✒️@Mohan Thanvi

वरिष्ठ समाजसेवी गोपाल गहलोत ने सपत्नीक पूजा कर राज्य में खुशहाली और धन-धान्य की वर्षा की कामना की

 

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वरिष्ठ समाजसेवी गोपाल गहलोत ने सपत्नीक पूजा कर राज्य में खुशहाली और धन-धान्य की वर्षा की कामना की
बीकानेर ।सुजानदेसर स्थित माता काली का मंदिर परिसर और आसपास का हरियाली से आच्छादित क्षेत्र इन दिनों सुबह से लेकर शाम तक ज्योतिषाचार्य पं. राजेन्द्र किराडुू के आचार्यत्व में 21 वेदपाठी ब्राह्मणों द्वारा पाठात्मक शतचंडी महायज्ञ एवं चण्डीयज्ञ से गूंजायमान हो रहा है। वहीं शाम को वरिष्ठ समाजसेवी और राजनेता गोपाल गहलोत द्वारा नियमित 251 से ज्यादा कन्याओं के सपत्नीक चरण धोने, तिलक कर पूजा करने और भोजन के साथ उपहार देने का नित्य क्रम भी जारी है। शाम को माता की आरती और तत्पश्चात मां काली की पूजा के बाद मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए प्रसादी का क्रम शाम से लेकर देर रात तक अनवरत किया जा रहा है। 
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जन्मदिन अवसर पर आयोजित किए जा रहे सेवा पखवाड़े के अंतर्गत नौ दिन तक निरन्तर यह कार्यक्रम वरिष्ठ राजनेता गोपाल गहलोत द्वाराआयोजित किया जा रहा है। कार्यक्रम में प्रतिदिन ढाई हजार से भी ज्यादा महिलाओं व पुरुष श्रद्धालुओं का आगमन हो रहा है। इसके चलते मंदिर में सुबह से लेकर शाम तक मेले का सा माहौल बना हुआ है। कार्यक्रम में भाजपा की जिलाध्यक्ष सुमन छाजेड़ सहित वरिष्ठ नेता गण भी शामिल हुए।
आयोजन से जुड़े भुवनेश तंवर ने बताया कि कार्यक्रम का समापन एक अक्टूबर को दोपहर महायज्ञ एवं शाम को महाप्रसादी के साथ होगा। इस दौरान माता की महापूजा का आयोजन भी किया जाएगा। गोपाल गहलोत ने सभी सनातन धर्म प्रेमियों से ज्यादा से ज्यादा समापन अवसर पर होने वाले महायज्ञ एवं महाप्रसादी कार्यक्रम में शामिल होने का आग्रह किया है।  
माता रानी के प्रतिकात्मक रूप बनी देवी से कटवाया केक
सोमवार को सुजानदेसर स्थित काली माता मंदिर में मां करणी के जन्मोत्सव पर मां करणी का सजीव रूप धरी बालिका के हाथों से केक कटवाकर बालिकाओं में वितरण किया गया। यह केक विशेषतौर से शुद्ध और सात्विक तरीके से बनवाया गया। इस दौरान बच्चों ने माता के जयकारे भी लगाए।

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