मंगलकामनाएं / धर्म, साहित्य और संस्कृति *Khabaron Me Bikaner*
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11 अक्टूबर 2025 शनिवार
Khabaron Me Bikaner
✒️@Mohan Thanvi
अ.भा.सा.प. बीकानेर इकाई ने मनायी महर्षि वाल्मीकि जयंती
बीकानेर, 11 अक्टूबर। अखिल भारतीय साहित्य परिषद् बीकानेर महानगर इकाई के द्वारा महर्षि वाल्मीकि जयन्ती पर 'सामाजिक समरसता एवं समन्वय और महर्षि वाल्मीकि' विषय पर विचार गोष्ठी वरिष्ट नागरिक समिति में रखी। कार्यक्रम में अध्यक्षीय उद्बोधन देते हुए डॉ.अन्नाराम शर्मा ने कहा कि संस्कृत रामायण के प्रथम रचयिता महर्षि वाल्मीकि थे जो आदिकवि के रूप में प्रसिद्ध हुए। उनका मूल नाम रत्नाकर डाकू था, नारद मुनि के मार्गदर्शन और 'राम नाम' के जाप ने उन्हें इस परिवर्तन की ओर प्रेरित किया। जो बाद में महर्षि वाल्मीकि बने। उन्होंने एक शिकारी को क्रौंच पक्षी के जोड़े में से एक को मारते हुए देखकर पहला श्लोक बोला, जिसके बाद उन्होंने पूरी रामायण की रचना कर दी। मुख्य वक्ता डॉ.बाबूलाल बिकोनिया ने महर्षि वाल्मीकि और रामायण में सामाजिक समरसता पर अपने विचार प्रकट करते हुए कहा कि ममता से ही समरसता की सिद्धि होती है। विशिष्ट अतिथि प्रो. शालिनी मूलचंदानी ने महर्षि वाल्मीकि और श्रीराम के जीवन पर विस्तार से अपने विचार रखे । कार्यक्रम में परिषद् की प्रान्तीय उपाध्यक्ष मोनिका गौड़, महानगर अध्यक्ष डॉ. बसन्ती हर्ष, उपाध्यक्षा डॉ.कृष्णा आचार्य महामंत्री जितेंद्रसिंह, सह सचिव डॉ.श्रीनिवास शर्मा, डॉ.एस. एन. हर्ष, राजाराम स्वर्णकार, श्रीमती रेणु वर्मा और गोपाल कृष्ण वाल्मीकि ने भी अपने विचार रखे।
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