Ticker

6/recent/ticker-posts

Ad Code

बीकानेर : महावीर स्वामी का 2551 वां निर्वाण दिवस 21 को अंतर्मन, भाव व श्रद्धा को निर्मल बनाएं-गणिवर्य मेहुल प्रभ सागर म.सा.




पंच दिवसीय दीपोत्सव की मंगलकामनाएं / धर्म, साहित्य, खेलकूद और संस्कृति *Khabaron Me Bikaner*


*Khabaron Me Bikaner*
16 अक्टूबर 2025 गुरुवार

Khabaron Me Bikaner


✒️@Mohan Thanvi

बीकानेर : महावीर स्वामी का 2551 वां निर्वाण दिवस 21 को
अंतर्मन, भाव व श्रद्धा को निर्मल बनाएं-गणिवर्य मेहुल प्रभ सागर म.सा.

 

Khabaron Me Bikaner



बीकानेर : महावीर स्वामी का 2551 वां निर्वाण दिवस 21 को
अंतर्मन, भाव व श्रद्धा को निर्मल बनाएं-गणिवर्य मेहुल प्रभ सागर म.सा.
बीकानेर, 16 अक्टूबर। गणिवर्य मेहुल प्रभ सागर, मुनि मंथन प्रभ सागर, बाल मुनि मीत प्रभ सागर, साध्वी श्री दीपमाला व शंख निधि श्रीजी के सान्निध्य में 21 अक्टूबर को भगवान महावीर स्वामी का 2551 वां निर्वाण दिवस साधना, आराधना, जप,तप के साथ मनाया जाएगा। प्रमुख गणधर गौतम स्वामी को कैवल्य ज्ञान प्राप्ति के दिन 22 अक्टूबर को गौतम रासो का वाचन किया जाएगा। सामूहिक दीपावली महापूजन 19 अक्टूबर को शिव वैली के कला मंदिर में सुबह सात बजे किया जाएगा।
सुगनजी महाराज का उपासरा ट्रस्ट व खरतरगच्छ युवा परिषद, महिला परिषद, ज्ञान वाटिका, बीकानेर की ओर से आयोजित दीपावली महापूजन के दौरान श्रावको को शुद्ध सफेद पूजा के तथा श्राविकाओं को लाल वस्त्र पहन कर पूजा से 15 मिनट पूर्व पहुंचना होगा। पूजन सामग्री लाभार्थी परिवार की ओर से प्रदत की जाएगी।
प्रवचन-रांगड़ी चौक के सुगनजी महाराज के उपासरे में गुरुवार को गणिवर्य मेहुल प्रभ सागर म.सा. ने प्रवचन में कहा कि भगवान महावीर स्वामी ने दीपावली के दिन मोक्ष जाने से पहले आधी रात को आखिरी बार उपदेश दिया था, जिसे उत्तराध्ययन सूत्र के नाम से जाना जाता है। उत्तराध्ययन सूत्र में जिनवाणी को श्रवण करने, श्रद्धा रखने तथा उसके अनुसार आचरण करने का संदेश दिया गया है।
उन्होंने एक गीत का मुखड़ा ’’ मैली चादर ओढ के कैसे, द्वार तुम्हारे आऊं, हे पावन परमेश्वर मेरे मन ही मन शरमाऊं’’ सुनाते हुए कहा कि स्वयं की निंदा करें दूसरे की नहीं। अपने आप में व्याप्त बुराइयों का त्याग करें। भगवान महावीर स्वामी को अंतर में बसाने के लिए अपने मन, भाव व श्रद्धा को निर्मल व पावन बनाएं। परमात्मा से प्रीति रखे । अपने को परमात्मा का तथा परमात्मा को अपना मानकर आत्मा परमात्मा से संबंध बनाएं । सांसारिक उपकारों की बजाए परमात्मा के उपकार को याद रखे। 

Post a Comment

0 Comments