मंगलकामनाएं / धर्म, साहित्य और संस्कृति *Khabaron Me Bikaner*
*Khabaron Me Bikaner*
6 अक्टूबर 2025 सोमवार
Khabaron Me Bikaner
✒️@Mohan Thanvi
अहमदाबाद /बीकानेर
06.10.2025
"संथारा मय समाधि मरण साधु और श्रावक दोनों के लिए एक मनोरथ है" आचार्य महाश्रमण
जीवन एक कला है तो मरना भी एक कला है जब मृत्यु निकट जान पड़े तो संलेखना संथारे की ओर बढ़ना चाहिए यह समाधि मरण अथवा मरने की कला है अनशन में ना जीने की कामना और ना मरने की भावना रहे बल्कि समता भाव में अनासक्त होकर शांत भाव से आत्म कल्याण के मार्ग पर अग्रसर रहने का लक्ष्य रहता है संथारा साधिका श्रीमती तारादेवी बैद ने बढ़ते परिणामो से आत्म कल्याण का मार्ग अपनाया और संथारा संलेखना से जीवन में श्रावक के तीसरे मनोरथ का वरण कर बहुत बड़ा काम किया उनको उग्रबिहारी तपोमूर्ति मुनिश्री कमलकुमार जी का योग मिल गया ।
उपरोक्त विचार तेरापंथ धर्मसंघ के एकादशम अधिशास्ता आचार्य श्री महाश्रमण जी ने प्रेक्षा विश्वा भारती कोबा अहमदाबाद में गंगाशहर निवासी संथारा साधिका तारादेवी वेद के 77 दिवसीय संथारा संलेखना मय देवलोक गमन के पश्चात संबल प्रदान करते हुए उनके पारिवारिक जनों को आशीर्वचन प्रदान करते हुए फरमाए । इस अवसर पर स्वर्गीय तारादेवी बैद के पति विजयकुमार जी, उनकी पुत्रियां वर्षा चारु तथा धर्मेंद्र डाकलिया ने आचार्य प्रवर के सम्मुख संथारा संलेखना के समय के स्वर्गीय तारादेवी बैंद के आत्मस्थ भावों और उनके बढ़ते चढ़ते परिणाम की विशेष बातों का विस्तार पूर्वक उल्लेख किया और पूरी जानकारी करवाई ।
साध्वीप्रमुखा श्री विश्रुतविभाजी ने भी इस अवसर पर संबल प्रदान करते हुए फरमाया कि भारतीय संस्कृति त्याग प्रधान संयम प्रधान और अध्यात्म प्रधान संस्कृति है जैन साधना पद्धति में संथारा तपस्या का ही एक रूप है और यह अनासक्ति भावना का महान प्रयोग है यह आत्मा को परमात्मा में विलीन करने का शास्त्र सम्मत मार्ग है श्राविका तारादेवी बेद ने उच्च मनोबल से संलेखना तपस्या प्रारंभ कर फिर बढ़ते भाव से संथारा संपन्न कर जीवन का सार निकला । गंगाशहर का यह बैद परिवार धर्मनिष्ट समर्पित और संघ में अपनी विशेष पहचान वाला है इस परिवार से ही शासनश्री साध्वी श्री सोमलता जी उग्रविहारी तपोमूर्ति मुनि श्री कमलकुमार जी स्वामी तथा साध्वी श्री विनम्रयशा जी तेरापंथ धर्म संघ में दीक्षित हैं । इसके साथ उग्रबिहारी तपोमूर्ति श्री कमलकुमार जी स्वामी का सहज सहयोग इस संथारे में उन्हें मिल गया यह बड़ी बात है ।
इस अवसर पर गायक मंडली के भंवरलाल, धर्मेंद्र, पवन द्वारा मधुर गीत की प्रस्तुति हुई । वर्षा बेताला चारु मुशर्रफ ने अपनी मां के बारे में पूरी जानकारी रखी । इस अवसर पर इस मुख्य मुनि महावीर कुमार जी साध्वी वर्या श्री समबुद्ध यशा जी सहित गुरुकुलवास के अनेक अनेक साधु साध्वियों के सेवा दर्शन का लाभ भी मिला ।
इससे पूर्व बैंद परिवार के यहां बीकानेर से लगभग 35 लोग तेरापंथ भवन में विराजित तपोमूर्ति मुनिश्री कमलकुमार जी स्वामी से सामूहिक मंगल पाठ श्रवण कर अहमदाबाद हेतु रवाना हुए गुरुदेव के दर्शन नाथ गए इस संघ की सेवा व्यवस्था में आने और जाने में पूरे समय नवरत्न बोथरा, विनोद चोपड़ा, महेंद्र वेद, धर्मेंद्र डाकलिया, सतीश चोपड़ा, अजय बेताला, विपिन मुशर्रफ पवन छाजेड़, मोती चोपड़ा आदि अनेक कार्यकर्ताओं का विशेष एवं प्रसंसनीय श्रम लगा ।
अहमदाबाद में विजय कुमार बैद, धर्मेंद्र डाकलिया, महेंद्र बैद, नेमचंद चोपड़ा, विमल चोपड़ा राजेंद्र चोपड़ा वर्षा चारु आदि जनों ने पूज्य प्रवर, साध्वीप्रमुखा श्री जी आदि गुरुकुल वास के सभी साधु साथियों को यहां अनशन काल के सारे समाचार विस्तार पूर्वक बतलाएं ।
0 Comments