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अणुव्रत आचरण की पद्धति है उपासना कि नहीं : मुनिश्री कमल कुमार जी




दशहरा की मंगलकामनाएं / धर्म, साहित्य और संस्कृति *Khabaron Me Bikaner*


2 अक्टूबर 2025 गुरुवार

Khabaron Me Bikaner


अणुव्रत आचरण की पद्धति है उपासना कि नहीं : मुनिश्री कमल कुमार जी


 

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अणुव्रत आचरण की पद्धति है उपासना कि नहीं : मुनिश्री कमल कुमार जी

अणुव्रत विश्व भारती सोसायटी निर्देशित अणुव्रत उद्बोधन सप्ताह का आरम्भ आज़ अणुव्रत समिति गंगाशहर द्वारा तेरापंथ भवन गंगाशहर के प्रांगण में उग्रविहारी तपोमूर्ति मुनि श्री कमल कुमार जी एवं मुनिश्री श्रेयांश कुमार जी के सानिध्य में किया गया| आज प्रथम दिवस "अणुव्रत प्रेरणा दिवस" के रूप में मनाया गया, जिसके मुख्य वक्ता अणुव्रत सेवी राजेंद्र जी सेठिया थे | कार्यक्रम का शुभारंभ पूर्णेश्वर ज्ञान मंदिर विद्यालय के बच्चों द्वारा अणुव्रत गीत महासंगान के द्वारा किया गया | अच्छी संख्या में श्रावक समाज की उपस्थिति रही|

 अणुव्रत समिति के अध्यक्ष करणी दान जी रांका ने बताया कि" मुनि श्री कमल कुमार जी ने अपने मंगल पाथेय में कहा कि"अणुव्रत आचरण की पद्धति है उपासना कि नहीं, यह सार्वभोम नियम है, यह शुद्ध गंगाजल है, जिससे जीवन शुद्ध हो सकता है | इसलिए भविष्य की चिंता ना करें वर्तमान को अच्छा बनाएं | इससे स्वतः ही अच्छा भविष्य तैयार होगा | विश्व को अमन चैन की प्राप्ति के लिए अणुव्रत अपनाना चाहिए |"

 समिति के मंत्री एडवोकेट कन्हैयालाल बोथरा ने बताया कि मुख्य वक्ता राजेंद्र जी सेठिया ने अपने वक्तव्य में कहा कि
" गुरुदेव तुलसी ने देश को अणुव्रत का अवदान दिया और आह्वान किया असली आजादी अपनाओ, क्योंकि व्यक्ति के चारित्रिक विकास बिना असली आजादी संभव नहीं | यह जीवन का फिल्टर है, विश्व की प्रत्येक समस्याओं का समाधान है| बच्चों को संबोधित करते हुए उन्होंने प्रतिदिन संकल्प लेने के लिए भी आह्वाहन किया|

प्रभारी ताराचंद जी गुलगुलिया ने बताया कि" कार्यक्रम के अंतिम चरण में मुख्य वक्ता राजेंद्र जी सेठिया एवं पुरनेश्वर ज्ञान मंदिर के अध्यापक जी का पताका पहनाकर और साहित्य भेंट कर सम्मान करणीदान रांका, मनोज सेठिया, कन्हैया लाल बोथरा ओर 
ताराचंद गुलगुलिया द्वारा किया गया |
 कार्यक्रम का कुशल संचालन अणुव्रत समिति गंगाशहर के उपाध्यक्ष मनीष बाफना ने किया| कार्यक्रम को सफल बनाने में कोषाध्यक्ष विजय जी बोथरा बच्छराज जी गुलगुलिया, जतन जी वेद, अनिल वेद आदि का योगदान रहा|


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